Success Story Of Rauram Siyag

राऊराम सियाग जो गांव बाधा (जिला बाड़मेर) में एक गरीब किसान परिवार से हैं।.. इनके पिताजी गुजरात में मजदूरी करते थे और दादाजी एक हाथ व एक पांव से विकलांग थे… जब वे 8 वीं कक्षा में पढ़ते थे तब दादाजी का देहांत हो गया….मृत्युभोज के कारण परिवार पर कर्जा बढ़ गया।

छोटा भाई विकलांग था तो परिवार की पुरी जिमेदारी उनके उपर थी। इसके 1 साल बाद जब वे 9 वीं में पढ़ते थे तब इनकी शादी हो गई और उस समय उनकी माताजी का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं होने के कारण कई दिनों तक हॉस्पिटल में एडमिट रहना पड़ा था। जब 10 वीं की पढ़ाई कर रहे थे तब साथ में मजदूरी करनी प्रारम्भ कर दी और राऊ राम है बताते हैं कि दसवीं पास करने के बाद मन में ऐसे ख्याल आते थे कि परिवार पर कर्ज होने के कारण आगे मेरा क्या होगा, परिवार भी चलाना पड़ेगा पढ़ाई करनी भी पड़ेगी। आगे पढाई जारी नहीं रख पाऊगा…इतने में एक दोस्त का फोन आता है और कहता है कि बाडमेर मैं फिफ्टी विलेजर्स संस्थान है, जिसमें में चयन होने के बाद जरूरतमंद विद्यार्थियों को निशुल्क साइंस बायोलॉजी दिलवाकर तैयारी करवाई जाती है। वर्ष 2013 में फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान प्रवेश परीक्षा के उपरांत संस्थान में चयन हुआ। 2015 में विज्ञान संकाय से 12 th पास करने के बाद परिवार की जिम्मेदारियों के कारण साथ-साथ में जॉब की भी जरूरत थी इसलिए पढ़ाने के साथ-साथ B.Sc. में पढ़ाई भी जारी रखी। राजस्थान सरकार के द्वारा 2022 में आयोजित द्वितीय श्रेणी विज्ञान संकाय अध्यापक प्रवेश परीक्षा में चयन हुआ। राऊ राम अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, गुरुजनों, टीम फिफ्टी व डॉ भरत सारण डॉ, ओम प्रकाश डूडी, डॉ हरदान सारण को देते हैं, जिनकी बदौलत वह इस मुकाम तक पहुंचे हैं। राऊ राम फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान के सभी भामाशाहों का भी धन्यवाद ज्ञापित करना चाहते हैं जिनकी सहायता से इस संस्थान मैं उनके जैसे कई विद्यार्थियों को अपने जीवन में सफल होने का मौका मिलता है।
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