Success Story Of Dr. Nemsingh

डॉ नेमसिंह बाड़मेर जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर बांदरा गांव के निवासी हैं। जब वह मात्र दो वर्ष के थे, तभी उनकी माताजी का निधन हो गया। दसवीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान उनके पिता भी एक सड़क दुर्घटना में इस दुनिया से चले गए। इस दुखद घटनाक्रम ने नेमसिंह को अकेला कर दिया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। माता-पिता की कमी को भी डॉ नेमसिंह ने हौसलों के आगे झुकने नहीं दिया। उन्होंने अपने ताऊ-ताई के साथ रहकर अपनी शिक्षा जारी रखी। गांव से दसवीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान में चयन हुआ। बारहवीं उत्तीर्ण करने के पश्चात संस्थान में रहकर ही नीट की तैयारी की तथा वर्ष-2017 में NEET परीक्षा के तहत एस एन मेडिकल कॉलेज जोधपुर में दाखिला लेकर एमबीबीएस की पढ़ाई पूर्ण की। एमबीबीएस पूर्ण करने के बाद डॉ नेमसिंह ने INICET Nov-2024 परीक्षा में 787वीं रैंक के साथ सफलता प्राप्त की तथा एम्स बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश) में अस्थि रोग विभाग (Orthopedics) में दाखिला लेकर अपनी जिंदगी को एक नई दिशा दी है। डॉ नेमसिंह के संघर्ष और सफलता की कहानी प्रेरणा का स्रोत है।
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