Success Story Of Dr. Anna Ram

अन्ना राम एक उस किसान का बेटा है, जिसके पास उम्मीद के अलावा कुछ भी नहीं है। शुरुआत से ही उनका जीवन मुश्किल परिस्थितियों से गुजरा। लम्बी बीमारी में ईलाज के अभाव में चाचा गुजर गए। पारिवारिक परिस्थितियां इतनी ख़राब, कि कभी कभी 1000 रुपए भी 24 प्रतिशत ब्याज दर से उधार लाने पड़ते हैं।

अन्ना राम की पांचवी तक की पढ़ाई नजदीकी विद्यालय मूंढ़ों की ढाणी में हुई। फिर दसवीं कक्षा घर से 5 किलोमीटर दूर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पायला खुर्द से उत्तीर्ण की।

अन्ना राम मानते हैं कि उनके जीवन और कैरियर निर्माण में विद्यालय और गुरुजनों की बहुत बड़ी भूमिका है। फिफ्टी विलेजर्स संस्थान के बारे में पहली बार जानकारी उनके अध्यापक के माध्यम से मिली। उन्होंने बताया कि यह संस्थान उन विद्यार्थियों के लिए हैं जो ग्यारहवीं में विज्ञान संकाय का चयन कर अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं किन्तु अभावों और पारिवारिक एवं आर्थिक परिस्थितियों के कारण नहीं रख पाते।

अन्ना राम दसवीं की परीक्षा के बाद अपने पिताजी के साथ बोरियां डालने की मजदूरी करने गुजरात चला गया और वापस आकर फिफ्टी विलेजर्स की प्रवेश परीक्षा दी।
फिफ्टी विलेजर्स परीक्षा के पांच दिन बाद रिजल्ट आता है, अन्ना राम अपना नाम उस सूची में पाता है और उसे अपने सपने पूरे करने की उसे उम्मीद जगती है। चयन के बाद संस्थान में रहकर 11वीं 12वीं के साथ नीट परीक्षा की तैयारी की और वर्ष-2017 में नीट क्वालीफाई किया। परीक्षा परिणाम के बाद नीट की काउंसलिंग में पशु चिकित्सा (वेटरनरी) कोर्स में चयन हुआ और COVAS परभणी (महाराष्ट्र) से 6 साल की BVSc&AH की डिग्री पूर्ण की। डिग्री के बाद रजिस्टर्ड पशु चिकित्सक बने और निजी प्रैक्टिस के तौर पर गांवों में चिकित्सा सेवाएं दे रहे हैं।

बतौर डॉ अन्ना राम, उन्होंने सीखा कि इंसानियत और मानवता से बढ़कर कोई धर्म नहीं है। वे कहते हैं कि संस्थान में पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भाग लेकर बहुआयामी जीवन शैली सीखने का मौका भी मिला जो जीवन निर्माण में सहायक सिद्ध हुआ।

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